त्रिकुटा मंदिर कोटा माँ वैष्णो देवी का मंदिर बनाया गया है जो की आजकल लोगो को आकर्षित कर रहा है |
मां वैष्णो देवी के पर्याय मां त्रिकुटा के इस पावन मंदिर का निर्माण कोटा में करीब 12 से 13 साल से चल रहा था। इसमें लगने वाला समय इस मंदिर की भव्यता के साथ उचित न्याय करता है। इस मंदिर का निर्माण ठीक उसी तरह से किया गया है जो की माता वैष्णो देवी यात्रा में पड़ाव है |
मंदिर को नवंबर 2021 में आम लोगों के लिए खुले के लिए बनाया गया था। यह मंदिर मां वैष्णो देवी मंदिर के वास्तविक पथ के समान पहाड़ियों और गुफाओं के रूप में बना है।
कटरा में यात्रा पर्ची काउंटर जो की हर श्रद्धालु के लिए पचास रुपये की है. अन्दर जाने के लिए रेल डिब्बे जैसा द्वार बनाया गया है जैसे की हम कटरा में रेल से उतरते हैं . कटरा नाम का भव्य रेस्टोरेंट बनाया गया है और ऐसा रेस्टोरेंट सांझीछत में भी बनाया गया है | यहाँ पर मिलने वाला शुद्ध वैष्णो भोजन है जिसमे लहुसन प्याज का इस्तेमाल नहीं होता |
कटरा से अर्धकुंवारी तक का रास्ता पहाड़ी रास्ता है और जिसमे बीच बीच में झरने भी है| अर्धकुंवारी गुफा को भी उसी तरह से त्यार किया जैसा अर्धकुंवारी गुफा वैष्णो देवी में है |
मुख्य गर्भगृह में माँ वैष्णो देवी की मूर्ति है जो पूरी तरह कटरा में श्री माता वैष्णो देवी की मूल मूर्ति से मिलती जुलती है और यहाँ जलने वाली ज्योत को माता ज्वाला देवी हिमाचल से लाया गया है |
इस मंदिर की सुंदरता को प्रवेश द्वार द्वारा बढ़ाया जाता है जिसके दोनों तरफ दो विशाल शेर हैं।
इस मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर परिसर के केंद्र में भगवान शिव की विशाल मूर्ति है। इस मंदिर के अन्य आकर्षण प्राकृतिक दिखने वाली गुफाएँ, झरने, पेड़, जानवर, पत्थर की नक्काशी, और भगवान हनुमान और देवी पार्वती जैसे हिंदू देवी-देवताओं की विभिन्न मूर्तियाँ हैं।
चरण पादुका का एक मंदिर भी वहाँ स्थित है। इस मंदिर के कारीगरों ने इसे यथासंभव प्राकृतिक रूप देने की पूरी कोशिश की है। अगर आप कोटा जा रहे हैं तो यह वह जगह है जहां आपको अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने से नहीं चूकना चाहिए।
त्रिकुटा मंदिर कोटा का समय
मंदिर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। सप्ताह के सभी सात दिनों के लिए। मंदिर परिसर को पूरी तरह से देखने में लगभग 1 से 2 घंटे का समय लगता है, इसलिए आपको अपने दिन की योजना उसी के अनुसार बनानी चाहिए।
त्रिकुटा मंदिर कोटा निर्देश और नियम
मंदिर परिसर के अंदर कैमरा, मोबाइल फोन, चमड़े की बेल्ट, जूते और अन्य गैजेट्स की अनुमति नहीं है। वहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतिबंधित है।
कटरा नाम का एक फूड कोर्ट वहां मौजूद है जहां आप मंदिर जाते समय कुछ खाना खा सकते हैं। आप मंदिर में या इस फूड कोर्ट में प्रवेश करने से पहले अपने मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं।
आपको शराब या सिगरेट जैसी कोई भी नशीला पदार्थ खाने के बाद परिसर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। यह हमारा कर्तव्य है कि हम वास्तुकला के इस नवनिर्मित प्राकृतिक आश्चर्य को यथासंभव स्वच्छ रखें।
त्रिकुटा मंदिर कोटा टिकट और अन्य शुल्क
वर्तमान में एक व्यक्ति के लिए टिकट की कीमत INR 50 है। भविष्य में इस मूल्य में वृद्धि हो सकती है क्योंकि यह स्थान राजस्थान और आसपास के राज्यों के लोगों के लिए एक उभरता हुआ पर्यटन स्थल बन रहा है।
दो पहिया वाहनों के लिए 10 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 30 रुपये का पार्किंग शुल्क लिया जाता है।
लॉकर और जूते स्टैंड के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।
कैसे पहुंचें त्रिकुटा मंदिर कोटा
- माँ त्रिकुटा मंदिर कोटा बूंदी रोड पर स्थित है और कोटा शहर के केंद्र से लगभग 10 किमी दूर है।
- निकटतम बस स्टैंड नयापुरा बस स्टैंड है जो लगभग 4 से 5 किमी की दूरी पर है। कोटा रेलवे स्टेशन इस स्थान से लगभग 10 किमी की दूरी पर है।
- निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में लगभग 240 किमी की दूरी पर है।
- वहां पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका निजी वाहनों के माध्यम से है क्योंकि वे आपको सुविधा प्रदान करते हैं। आप राजस्थान सरकार की बसों और ऑटोरिक्शा से भी पहुंच सकते हैं लेकिन उनका कोई निर्धारित समय नहीं है।
त्रिकुटा मंदिर कोटा घूमने के लिए आस-पास के स्थान
गुरुद्वारा श्री आगम गढ़ साहिब भी उसी कोटा बूंदी रोड पर स्थित है और कोटा के पास रहने वाले लोगों के लिए भी एक जरूरी जगह है।